Thursday, September 24, 2009

नए जीवन की शुरआत

ना जाने क्यो ऐतबार है

अब भी एक विश्वास है

मिलेंगी नई मंजिले

राहें होंगी फिर आसान

खुलेंगे किस्मत के बंद दरवाजे

एक नई सुबह के साथ

एक नए जीवन की शुरआत होगी

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