Wednesday, September 23, 2009

आरधना

शबनम सी तू हँसि

फूलो सी तेरी काया

मोती सी तेरी मुस्कान

झील सी तेरी आँखे

कोयल सी तेरी वाणी

सूरज सी तेरी आभा

तभी तू लगे सब से

न्यारी सब से प्यारी

तू है मेरी आरधना

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