Wednesday, October 7, 2009

धूम धड़का

धूम धड़का होने दो

खेल अजब गजब चलने दो

मारो ताली पीटो ढोल

प्यार की बारिस होने दो

खिले फूल छुटे फुल्झडिया

मुस्कान रोनक भरी आने दो

बज रही शहनाई

दुल्हन को घर आने दो

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