Monday, October 12, 2009

क्यो आए

क्यो आए तुम चले जाने को

मझे रुला जाने को

गम ऐ ना था तुम क्यो मिले

अफ़सोस इस बात का था

क्यो जिन्दगी के इस मुकाम पे मिले

समझ आए नही रोऊ या हसू

हाथ तुम भी थामे रख नही सकती

अपने अरमानो का गला घोट नही सकती

छोड़ इसलिए मुझको तुम चल दी

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