Monday, October 12, 2009

साँझ सबेरे

साँझ सबेरे मिलने आना

बहाना ना कोई बनाना

मिलके बुनेगे एक नया सपना

प्यारा सा हो घर एक अपना

प्यार से रोशन रहे आँगन अपना

खुशियों से महकी रहे अपनी बगिया

जो सच करना हो सपना

हाथ पकड़ना तुम ना भूलना

साँझ सबेरे मिलने आना
बहाना ना कोई बनाना

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