Thursday, January 14, 2010

ढोल की थाप

बाजे मृदंग ढोल नगाड़े

नाचे मन उड़े आँचल

पपीहे की पिहू पिहू

दिल को छू जाए

बाजे झांझर उड़े गुलाल

सुन के सरगम की ताल

मृदंग और ढोल की थाप

नाच रहा है मन बार बार

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