Thursday, January 21, 2010

चोर

चोरों के शहर में आ गया गया चोर

कहलाता है दिल का चोर

दिन हो या हो रात करता है चोरी

जब किसी हसीना से हो मुलाक़ात

कातिल है उसकी निगाहें

नजरों से ही खोल डाले

दिल के सारे ताले

पकड़ा ना जाए कभी

वो है शातिर चोर

चुरा दिल हसीनो के

निकल जाए बहुत दूर

देख इस कला को

सभी चकित रह जाए

कहे चिल्ला चिल्ला

तू है हमसे भी बड़ा चोर

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